मल्लावां, अंप्र : सिविल सेवा के घोषित परिणाम में क्षेत्र के गौरव कुमार सिंह नें 190वीं रैंक पाकर क्षेत्र और जिले का नाम रोशन किया, जिससे गांव में खुशी का माहौल है।
ग्राम देवमनपुर थाना मल्लावां निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य शिवराज सिंह के सबसे छोटे पुत्र गौरव कुमार अपने भाइयों में सबसे छोटे हैं। बताते हैं कि शिवराज सिंह के तीन पुत्र व चार पुत्रियां हैं। पुत्रों में सबसे बड़ा डा. आशीष सिंह पत्रकारिता क्षेत्र में, उससे छोटा डा. आलोक सिंह स्टेट बैंक आफ इंडिया में सहायक मैनेजर अलीगढ़ व सबसे छोटे डा. गौरव सिंह आइएएस बने।
डा. गौरव का आइएएस में यह तीसरा प्रयास था। इससे पूर्व वह दो बार साक्षात्कार दे चुके थे। पढ़ने में मेधावी डा. गौरव के आइएएस बनने से पूर्व उनका चयन वर्ष 2011 में राजस्थान पीसीएस में हुआ था। 2012 में उनका चयन पुलिस उपाधीक्षक इंटेलीजेंस ब्यूरो में हुआ था। डा. गौरव की शिक्षा गौसगंज के पीबीआर इंटर कालेज से हुई है। वर्ष 1998 में हाईस्कूल प्रथम श्रेणी, 2000 में इंटर प्रथम, उसके बाद बीटेक कमला नेहरू इंस्टीट्यूट टेक्नालॉजी से प्रथम श्रेणी , आइआइटी दिल्ली से एमटेक प्रथम श्रेणी से व फिर पीएचडी सोलर एनर्जी से वर्ष 2011 में की। बताते हैं कि इन्होंने बिना बैटरी से सोलर से सीधे एसी कन्वर्ट करने का यंत्र बनाया था।
डा. गौरव ने बताया कि वह इंजीनियर थे पर पिता की इच्छा थी कि वह सिविल सेवा की परीक्षा पास कर देश की सेवा करें, तभी उन्होंने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए लगातार मेहनत की और परिणाम सामने है। उन्होंने सफलता का श्रेय पिता के साथ गुरुजनों व परिवार के सदस्यों व मित्रों को दिया। आइएएस बनने पर गांव में खुशी का माहौल है। लोग एक दूसरे को मिष्ठान खिलाकर बधाई दे रहे हैं।
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