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Monday, May 27, 2013


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Sunny Singh 
Email- sunnysingh605@gmail.com
mobile-07275819939

Sunday, May 12, 2013




हरदोई, निज प्रतिनिधि : प्रथम स्वाधीनता संग्राम का जिक्र आते ही जो नाम जेहन में आता है वह है क्रांतिकारी मंगल पांडेय का। अंग्रेजी सेना के इस जवान ने ही बगावत कर क्रांति का बिगुल फूंक दिया था, मगर बहुत कम लोगों को ही पता है कि मेरठ छावनी में जिस खून ने उबाल मारा था, वह हरदोई जनपद के ग्राम बाबरपुर का था।
1857 में 31 मई का दिन पहली क्रांति के लिए तय किया गया था, लेकिन अंग्रेजों की सेना में तैनात भारतीय सिपाहियों का सब्र उत्पीड़न के चलते जवाब दे गया और निर्धारित तारीख से 21 दिन पहले ही 10 मई को मेरठ से बगावत की चिंगारी निकली। अधिकतर इतिहास की किताबों में मंगल पांडेय को बलिया जनपद का निवासी बताया जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि मंगल पांडेय मूलरूप से हरदोई जनपद के पाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बाबरपुर के रहने वाले थे। यहां इससे संबंधित कई प्रमाण भी मिलते हैं। धर्मेद्र सिंह सोमवंशी द्वारा लिखी गई हरदोई का स्वतंत्रता संग्राम एवं सेनानी के भाग एक में इस बात का जिक्र किया गया है कि मंगल पांडेय बाबरपुर के रहने वाले थे।
इस सबसे इतर बाबरपुर में अब भी मंगल पांडेय का पैतृक निवास है जो कि खंडहर हो चुका है और इसमें महज दो दीवारे ही शेष हैं। गांव के 75 वर्षीय बुजुर्ग जगदीश त्रिवेदी बताते हैं कि उनके बाबा बालकराम त्रिवेदी मंगल पांडेय के सगे भाई देवीदयाल पांडेय के करीबी दोस्त थे। जब मंगल पांडेय ने मेरठ में बगावत की तो यहां अंग्रेजी सेना के अफसर भी पूछताछ के लिए आए थे और तब देवी दयाल पांडेय को गांव में छिपा कर, मंगल पांडेय का यहां से कोई रिश्ता न होने की बात कही गई थी।
बाबरपुर में ही रहने वाले प्रकाश नरायन दीक्षित कहते हैं कि जब अंग्रेज अफसर पूछताछ के बाद वापस लौट गए तो गांव वालों ने देवी दयाल से आग्रह किया था कि वे परिवार सहित कहीं और रहने चले जाएं। इस आग्रह को गांव के हित में उन्होंने मान भी लिया था। गांव के कृष्ण चंद्र दीक्षित भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि मंगल पांडेय बाबरपुर की गलियों में ही अपना बचपन गुजार कर गए थे।
खो गया एक महत्वपूर्ण अभिलेख
शाहाबाद तहसील में वकालत करने वाले बाबरपुर के पूर्व प्रधान कृष्ण स्वरूप दीक्षित की मानें तो वर्ष 1913 तक शाहाबाद में मुंसिफी थी। उस दौरान गांव में भूमि को लेकर एक निर्णय दिया गया था, जिसमें देवी दयाल पांडेय और मंगल पांडेय का जिक्र भी था। उन्होंने उक्त स्थान पर मंगल पांडेय की मूर्ति स्थापित कराने की मांग को लेकर उक्त दस्तावेज वर्ष 1989 में तत्कालीन प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहे डा. अशोक बाजपेई को दिया था। डा. बाजपेई ने उक्त अभिलेख तत्कालीन उप जिलाधिकारी संजीव कुमार को दे दिए थे, लेकिन मूर्ति की स्थापना नहीं हो पाई। साथ ही वे अभिलेख भी गायब हो गए।


हरदोई, निज प्रतिनिधि : प्रथम स्वाधीनता संग्राम का जिक्र आते ही जो नाम जेहन में आता है वह है क्रांतिकारी मंगल पांडेय का। अंग्रेजी सेना के इस जवान ने ही बगावत कर क्रांति का बिगुल फूंक दिया था, मगर बहुत कम लोगों को ही पता है कि मेरठ छावनी में जिस खून ने उबाल मारा था, वह हरदोई जनपद के ग्राम बाबरपुर का था।
1857 में 31 मई का दिन पहली क्रांति के लिए तय किया गया था, लेकिन अंग्रेजों की सेना में तैनात भारतीय सिपाहियों का सब्र उत्पीड़न के चलते जवाब दे गया और निर्धारित तारीख से 21 दिन पहले ही 10 मई को मेरठ से बगावत की चिंगारी निकली। अधिकतर इतिहास की किताबों में मंगल पांडेय को बलिया जनपद का निवासी बताया जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि मंगल पांडेय मूलरूप से हरदोई जनपद के पाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बाबरपुर के रहने वाले थे। यहां इससे संबंधित कई प्रमाण भी मिलते हैं। धर्मेद्र सिंह सोमवंशी द्वारा लिखी गई हरदोई का स्वतंत्रता संग्राम एवं सेनानी के भाग एक में इस बात का जिक्र किया गया है कि मंगल पांडेय बाबरपुर के रहने वाले थे।
इस सबसे इतर बाबरपुर में अब भी मंगल पांडेय का पैतृक निवास है जो कि खंडहर हो चुका है और इसमें महज दो दीवारे ही शेष हैं। गांव के 75 वर्षीय बुजुर्ग जगदीश त्रिवेदी बताते हैं कि उनके बाबा बालकराम त्रिवेदी मंगल पांडेय के सगे भाई देवीदयाल पांडेय के करीबी दोस्त थे। जब मंगल पांडेय ने मेरठ में बगावत की तो यहां अंग्रेजी सेना के अफसर भी पूछताछ के लिए आए थे और तब देवी दयाल पांडेय को गांव में छिपा कर, मंगल पांडेय का यहां से कोई रिश्ता न होने की बात कही गई थी।
बाबरपुर में ही रहने वाले प्रकाश नरायन दीक्षित कहते हैं कि जब अंग्रेज अफसर पूछताछ के बाद वापस लौट गए तो गांव वालों ने देवी दयाल से आग्रह किया था कि वे परिवार सहित कहीं और रहने चले जाएं। इस आग्रह को गांव के हित में उन्होंने मान भी लिया था। गांव के कृष्ण चंद्र दीक्षित भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि मंगल पांडेय बाबरपुर की गलियों में ही अपना बचपन गुजार कर गए थे।
खो गया एक महत्वपूर्ण अभिलेख
शाहाबाद तहसील में वकालत करने वाले बाबरपुर के पूर्व प्रधान कृष्ण स्वरूप दीक्षित की मानें तो वर्ष 1913 तक शाहाबाद में मुंसिफी थी। उस दौरान गांव में भूमि को लेकर एक निर्णय दिया गया था, जिसमें देवी दयाल पांडेय और मंगल पांडेय का जिक्र भी था। उन्होंने उक्त स्थान पर मंगल पांडेय की मूर्ति स्थापित कराने की मांग को लेकर उक्त दस्तावेज वर्ष 1989 में तत्कालीन प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहे डा. अशोक बाजपेई को दिया था। डा. बाजपेई ने उक्त अभिलेख तत्कालीन उप जिलाधिकारी संजीव कुमार को दे दिए थे, लेकिन मूर्ति की स्थापना नहीं हो पाई। साथ ही वे अभिलेख भी गायब हो गए।


हरदोई, कार्यालय संवाददाता : परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए खुशखबरी है। प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन नीति लागू करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज रही है। अब उन्हें 17140 व 18150 वेतनमान का लाभ भी मिल सकेगा। उनके पाल्यों को बीटीसी चयन में 10 अंकों का लाभ मिलेगा। शासन स्तर से मिले आश्वासन की उत्तर प्रदेशीय जूनियर शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघ के आंदोलन के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री व शिक्षा निदेशक समेत शासन के आला अधिकारियों ने प्रांतीय अध्यक्ष के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल को मांगों पर कार्रवाई के लिए शासनादेश जारी करने की बात कही है।

शेखर कालोनी स्थित कार्यालय पर प्रांतीय महामंत्री श्री त्यागी ने बताया कि शिक्षक शिक्षिकाओं की एकजुटता रंग लाई और शासन को उनकी मांगों पर विचार करना पड़ा। वर्ष 2006 के बाद से 17140 व 18150 वेतनमान के लाभ के लिए वर्ष 2008 तक के शिक्षकों से विकल्प भरवाए जाएंगे। जबकि शेष का अभी शुरू होने वाली भर्ती के साथ लागू कर दिया जाएगा। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के खाली पड़े पदों को भरे जाने, शिक्षक शिक्षिकाओं से गैर शैक्षिक कार्य न लिए जाने का भी आश्वासन दिया गया है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष को बेसिक शिक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति में उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का भी 20 फीसद कोटा होगा। परिषदीय स्कूलों में खेलकूद क्रियाकलापों के लिए बजट जारी होगा। मंहगाई की 50 फीसद धनराशि वेतन में जोड़ने का भी आश्वासन मिला है। श्री त्यागी ने बताया कि पदोन्नति व समायोजन प्रक्रिया भी 30 जून तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से उनकी 80 फीसदी मांगें मान ली गई हैं। वहीं जिलाध्यक्ष सुनीता त्यागी ने शिक्षक शिक्षिकाओं का किसी भी सूरत में उत्पीड़न न बर्दाश्त करने की बात कही। वार्ता के दौरान जिला महामंत्री संतोष अग्निहोत्री, बरेली मंडल के महामंत्री देवेंद्र सिंह, इलाहाबाद मंडल के अध्यक्ष विनोद पांडेय, बरेली जिलाध्यक्ष राजेंद्र गंगवार, शाहजहांपुर जिलाध्यक्ष जागेश पाली आदि मौजूद रहे।

हरदोई, कार्यालय संवाददाता : परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए खुशखबरी है। प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन नीति लागू करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज रही है। अब उन्हें 17140 व 18150 वेतनमान का लाभ भी मिल सकेगा। उनके पाल्यों को बीटीसी चयन में 10 अंकों का लाभ मिलेगा। शासन स्तर से मिले आश्वासन की उत्तर प्रदेशीय जूनियर शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघ के आंदोलन के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री व शिक्षा निदेशक समेत शासन के आला अधिकारियों ने प्रांतीय अध्यक्ष के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल को मांगों पर कार्रवाई के लिए शासनादेश जारी करने की बात कही है।
शेखर कालोनी स्थित कार्यालय पर प्रांतीय महामंत्री श्री त्यागी ने बताया कि शिक्षक शिक्षिकाओं की एकजुटता रंग लाई और शासन को उनकी मांगों पर विचार करना पड़ा। वर्ष 2006 के बाद से 17140 व 18150 वेतनमान के लाभ के लिए वर्ष 2008 तक के शिक्षकों से विकल्प भरवाए जाएंगे। जबकि शेष का अभी शुरू होने वाली भर्ती के साथ लागू कर दिया जाएगा। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के खाली पड़े पदों को भरे जाने, शिक्षक शिक्षिकाओं से गैर शैक्षिक कार्य न लिए जाने का भी आश्वासन दिया गया है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष को बेसिक शिक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति में उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का भी 20 फीसद कोटा होगा। परिषदीय स्कूलों में खेलकूद क्रियाकलापों के लिए बजट जारी होगा। मंहगाई की 50 फीसद धनराशि वेतन में जोड़ने का भी आश्वासन मिला है। श्री त्यागी ने बताया कि पदोन्नति व समायोजन प्रक्रिया भी 30 जून तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से उनकी 80 फीसदी मांगें मान ली गई हैं। वहीं जिलाध्यक्ष सुनीता त्यागी ने शिक्षक शिक्षिकाओं का किसी भी सूरत में उत्पीड़न न बर्दाश्त करने की बात कही। वार्ता के दौरान जिला महामंत्री संतोष अग्निहोत्री, बरेली मंडल के महामंत्री देवेंद्र सिंह, इलाहाबाद मंडल के अध्यक्ष विनोद पांडेय, बरेली जिलाध्यक्ष राजेंद्र गंगवार, शाहजहांपुर जिलाध्यक्ष जागेश पाली आदि मौजूद रहे।

हरदोई, कार्यालय संवाददाता : परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए खुशखबरी है। प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन नीति लागू करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज रही है। अब उन्हें 17140 व 18150 वेतनमान का लाभ भी मिल सकेगा। उनके पाल्यों को बीटीसी चयन में 10 अंकों का लाभ मिलेगा। शासन स्तर से मिले आश्वासन की उत्तर प्रदेशीय जूनियर शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघ के आंदोलन के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री व शिक्षा निदेशक समेत शासन के आला अधिकारियों ने प्रांतीय अध्यक्ष के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल को मांगों पर कार्रवाई के लिए शासनादेश जारी करने की बात कही है।
शेखर कालोनी स्थित कार्यालय पर प्रांतीय महामंत्री श्री त्यागी ने बताया कि शिक्षक शिक्षिकाओं की एकजुटता रंग लाई और शासन को उनकी मांगों पर विचार करना पड़ा। वर्ष 2006 के बाद से 17140 व 18150 वेतनमान के लाभ के लिए वर्ष 2008 तक के शिक्षकों से विकल्प भरवाए जाएंगे। जबकि शेष का अभी शुरू होने वाली भर्ती के साथ लागू कर दिया जाएगा। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के खाली पड़े पदों को भरे जाने, शिक्षक शिक्षिकाओं से गैर शैक्षिक कार्य न लिए जाने का भी आश्वासन दिया गया है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष को बेसिक शिक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति में उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का भी 20 फीसद कोटा होगा। परिषदीय स्कूलों में खेलकूद क्रियाकलापों के लिए बजट जारी होगा। मंहगाई की 50 फीसद धनराशि वेतन में जोड़ने का भी आश्वासन मिला है। श्री त्यागी ने बताया कि पदोन्नति व समायोजन प्रक्रिया भी 30 जून तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से उनकी 80 फीसदी मांगें मान ली गई हैं। वहीं जिलाध्यक्ष सुनीता त्यागी ने शिक्षक शिक्षिकाओं का किसी भी सूरत में उत्पीड़न न बर्दाश्त करने की बात कही। वार्ता के दौरान जिला महामंत्री संतोष अग्निहोत्री, बरेली मंडल के महामंत्री देवेंद्र सिंह, इलाहाबाद मंडल के अध्यक्ष विनोद पांडेय, बरेली जिलाध्यक्ष राजेंद्र गंगवार, शाहजहांपुर जिलाध्यक्ष जागेश पाली आदि मौजूद रहे।

हरदोई, कार्यालय संवाददाता : परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए खुशखबरी है। प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन नीति लागू करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज रही है। अब उन्हें 17140 व 18150 वेतनमान का लाभ भी मिल सकेगा। उनके पाल्यों को बीटीसी चयन में 10 अंकों का लाभ मिलेगा। शासन स्तर से मिले आश्वासन की उत्तर प्रदेशीय जूनियर शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संघ के आंदोलन के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री व शिक्षा निदेशक समेत शासन के आला अधिकारियों ने प्रांतीय अध्यक्ष के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल को मांगों पर कार्रवाई के लिए शासनादेश जारी करने की बात कही है।
शेखर कालोनी स्थित कार्यालय पर प्रांतीय महामंत्री श्री त्यागी ने बताया कि शिक्षक शिक्षिकाओं की एकजुटता रंग लाई और शासन को उनकी मांगों पर विचार करना पड़ा। वर्ष 2006 के बाद से 17140 व 18150 वेतनमान के लाभ के लिए वर्ष 2008 तक के शिक्षकों से विकल्प भरवाए जाएंगे। जबकि शेष का अभी शुरू होने वाली भर्ती के साथ लागू कर दिया जाएगा। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के खाली पड़े पदों को भरे जाने, शिक्षक शिक्षिकाओं से गैर शैक्षिक कार्य न लिए जाने का भी आश्वासन दिया गया है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष को बेसिक शिक्षा परिषद में स्थायी सदस्य बनाया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारियों की पदोन्नति में उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का भी 20 फीसद कोटा होगा। परिषदीय स्कूलों में खेलकूद क्रियाकलापों के लिए बजट जारी होगा। मंहगाई की 50 फीसद धनराशि वेतन में जोड़ने का भी आश्वासन मिला है। श्री त्यागी ने बताया कि पदोन्नति व समायोजन प्रक्रिया भी 30 जून तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से उनकी 80 फीसदी मांगें मान ली गई हैं। वहीं जिलाध्यक्ष सुनीता त्यागी ने शिक्षक शिक्षिकाओं का किसी भी सूरत में उत्पीड़न न बर्दाश्त करने की बात कही। वार्ता के दौरान जिला महामंत्री संतोष अग्निहोत्री, बरेली मंडल के महामंत्री देवेंद्र सिंह, इलाहाबाद मंडल के अध्यक्ष विनोद पांडेय, बरेली जिलाध्यक्ष राजेंद्र गंगवार, शाहजहांपुर जिलाध्यक्ष जागेश पाली आदि मौजूद रहे।

Thursday, May 9, 2013

General Windows keyboard shortcuts

Alt + Tab


Switch between open applications in all versions of Windows. Reverse the direction by pressing Alt + Shift + Tab at the same time.

Ctrl + Tab

Switches between program groups, tabs, or document windows in applications that support this feature. Reverse the direction by pressing Ctrl + Shift + Tab at the same time.

Alt + double-click

Display the properties of the object you double-click on in Windows 95 and later. For example, doing this on a file would display its properties.

Alt + Print Screen

Create a screen shot only for the active program window in all versions of Windows. For example, if you opened the calculator and did this only the calculator window would be created as a screen shot. If just the Print Screen key is pressed the whole screen will be made into a screen shot.

Ctrl + Alt + Del

Open the Windows option screen for locking computer, switching user, Task Manager, etc. in later versions of Windows. Pressing Ctrl+Alt+Del multiple times will reboot the computer.

Ctrl + Shift + Esc

Immediately bring up the Windows Task Manager in Windows 2000 and later.

Ctrl + Esc

Open the Windows Start menu in most versions of Windows. In Windows 8 this will open the Start screen and in Windows 3.x this would bring up the Task Manager.

Alt + Esc

Switch between open applications on Taskbar in Windows 95 and later.

Alt + Space bar

Drops down the window control menu for the currently open Windows program in Windows 95 and later.

Alt + Enter

Opens properties window of selected icon or program in Windows 95 and later.

Alt + Space bar

Open the control menu for the current window open in all versions of Windows.

Shift + Del

Will delete any file or other object without throwing it into the Recycle Bin in Windows 95 and later.

Hold down the Shift key

When putting in an audio CD or other CD that uses Autoplay, holding down the Shift key will prevent that CD from playing.

Windows function key shortcuts

Below is a listing of keyboard shortcuts that use the keyboard function keys. See our what are F1 through F12 keys page for a full listing of what function keys do with all other programs.

F1

Activates help for current open application. If you're at the Windows Desktop, this will activate the help for Windows.

F2

Renames a highlighted icon, file, or folder in all versions of Windows.

F3

Starts find or search when at the Windows Desktop in all versions of Windows.

F4

In Windows 95 and later this opens the drive selection or address bar when browsing files in Windows Explorer.

Pressing Alt + F4 closes the current open program window without a prompt in all versions of Windows.
Pressing Ctrl + F4 closes the open window within the current active window in Microsoft Windows. This will only work in programs that support multiple windows or tabs in the same program window.
F6

While in Windows Explorer, this will move the cursor to different Windows Explorer pane or in Windows 7 browse available drives.

F8

Pressing F8 over and over as the computer is booting will start the computer in Safe Mode.

F10


Activates the File menu bar in all versions of Windows.

Simulates a right-click on selected item. This is useful if right-click is difficult or impossible using the mouse.
Windows keyboard key shortcuts

Below is a listing of Windows keys that can be used on computers running a Microsoft Windows 95 or later and using a keyboard with a Windows key. In the below list of shortcuts, the Windows key is represented by "WINKEY" and because not all these shortcuts will work in all versions of Windows we've mentioned what versions of Windows support each Windows key shortcut key.

All versions of Windows

WINKEY

Pressing the Windows key alone will open or hide the Windows Start menu. In Windows 8, this will open or hide the Start screen.

WINKEY + F1

Open the Microsoft Windows help and support center.

WINKEY + Pause / Break key

Open the System Properties window.

WINKEY + D

Opens the Desktop to the top of all other windows.

WINKEY + E

Open Microsoft Windows Explorer.

WINKEY + F

Display the Windows Search or Find feature.

WINKEY + Ctrl + F

Display the search for computers window.

WINKEY + L

Lock the computer and switch users if needed (Windows XP and above only).

WINKEY + M

Minimizes all windows.

WINKEY + Shift + M

Undo the minimize done by WINKEY + M and WINKEY + D.

WINKEY + R

Open the run window.

WINKEY + U

Open Utility Manager or the Ease of Access Center.

Windows XP only

WINKEY + Tab

Cycle through open programs through the Taskbar.

Windows 7 and 8 only

WINKEY + 1-0

Pressing the Windows key and any of the top row number keys from 1 to 0 will open the program corresponding to the number of icon on the Taskbar. For example, if the first icon on the Taskbar was Internet Explorer pressing WINKEY + 1 would open that program or switch to it if already open.

WINKEY + (Plus (+) or Minus (-))

Open Windows Magnifier and zoom in with the plus symbol (+) and zoom out with the minus symbol (-).

Press the WINKEY + ESC to close the Magnifier
WINKEY + Home

Minimize all windows except the active window.

WINKEY + P

Change between the monitor and projection display types or how second screen displays computer screen.

WINKEY + T

Set the focus on the Taskbar icons

WINKEY + Left arrow

Shrinks the window to 1/2 screen on the left side for side by side viewing.

WINKEY + Right arrow

Shrinks the window to 1/2 screen on the right side for side by side viewing.

WINKEY + Up arrow

When in the side by side viewing mode, this shortcut takes the screen back to full size.

WINKEY + Down arrow

Minimizes the screen. Also, when in the side by side viewing mode, this shortcut takes the screen back to a minimized size.

Windows 8 only

WINKEY + ,

Peek at the Windows Desktop.

WINKEY + .

Snap a Windows App to the sides of the screen. Pressing it multiple times will switch between the right and left-hand side of the screen or unsnap the app.

WINKEY + Enter

Open Windows Narrator

WINKEY + C

Open the Charms.

WINKEY + G

Cycle through Desktop gadgets.

WINKEY + H

Open Share in Charms.

WINKEY + I

Open the Settings in Charms.

WINKEY + J

Switch between snapped apps.

WINKEY + K

Open Devices in Charms.

WINKEY + O

Lock the screen orientation.

WINKEY + X

Open the power user menu, which gives you access to many of the features most power users would want to use such as Device Manager, Control Panel,Event Viewer, Command Prompt, and much more.

Sunday, May 5, 2013


हरदोई, निज प्रतिनिधि : लोकदल के कार्यकर्ताओं ने रविवार को सिनेमा चौराहा पर चीन का पुतला फूंका। साथ ही मांग की चीन के आचरण के हिसाब से उसे मुंह तोड़ जवाब दिया जाए।
लोकदल के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार मिश्रा के नेतृत्व में दिन में लगभग साढ़े ग्यारह बजे सिनेमा चौराहे पर एकत्र हुए। दोपहर 12 बजे चीन विरोधी नारे लगाते हुए चीन का पुतला कार्यकर्ताओं ने फूंका। इस मौके पर संक्षिप्त संबोधन में जिलाध्यक्ष ने कहा कि चीन लगातार भारतीय सीमा में प्रवेश करने का दुस्साहस कर रहा है। हर बार उसे भारत की ओर से चेतावनी दी जाती है, लेकिन कठोर कार्रवाई न होने के कारण चीन इसका फायदा उठा रहा है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि कारगिल की तरह चीन सीमा से घुसपैठियों को खदेड़ दिया जाए। इस मौके पर अतुल तिवारी, पवन मिश्रा, विमल द्विवेदी, राजेंद्र दास, गुड्डू सिंह आदि मौजूद रहे।


It was like reincarnation of 46-year-old Ram Kumar when someone of his blood relation embraced him and took him to his native village after 21 years of disappearance.
Ram Kumar was one among 19 Indian nationals who were repatriated by Pakistan on August 14, 2007, after completion of their jail terms. Since most of them were mentally-challenged and didn't remember their addresses, they were admitted in Amritsar's Institute of Mental Health for treatment. It was believed that Ram Kumar and others was subjected to physical and mental torture by Pakistan police as well as jail authorities.
I am lucky to be back with my family and want to forget my past" said Ram Kumar before leaving for his village Chodakpura in Hardoi district of Uttar Pardesh. He said he had spent only one year in Pakistan but didn't exactly remember as to how he had reached there.
His handicapped nephew Satish who along with couple of his friends has arrived at Amritsar to receive his uncle said that his father Shiv Kumar, brother of Ram Kumar, used to tell him about his uncle and inspired him to trace him after his disappearance. "We found him in almost all the cities of UP including Lucknow, Farookabadh, Kanpur etc. but all in vain" said he.
When a week before family of Ram Kumar received a letter from police department they were surprised to know that Ram Kumar alive and was in Amritsar. But they were not ready to believe that he was sentenced in Pakistan.
"My father told me that Ram Kumar was in company of some Sadhu's and used to take Charas and had disappeared in those days only, I was just two years old then" said Satish.
"With treatment he is now healthy and remember his past but we had tough time finding his family in India " said Director , Institute of Mental Health, Dr. BL Goyal. He said when Ram Kumar gained some memory he gave hints of his address following which they wrote to Resident Commissioner of Uttar Pardesh in Delhi to trace Ram Kumar's relatives and finally his nephew had arrived to take him back.
But there are still 13 more persons who were repatriated along with Ram Kumar by Pakistan and their relatives are untraceable as yet.


It was like reincarnation of 46-year-old Ram Kumar when someone of his blood relation embraced him and took him to his native village after 21 years of disappearance.
Ram Kumar was one among 19 Indian nationals who were repatriated by Pakistan on August 14, 2007, after completion of their jail terms. Since most of them were mentally-challenged and didn't remember their addresses, they were admitted in Amritsar's Institute of Mental Health for treatment. It was believed that Ram Kumar and others was subjected to physical and mental torture by Pakistan police as well as jail authorities.
I am lucky to be back with my family and want to forget my past" said Ram Kumar before leaving for his village Chodakpura in Hardoi district of Uttar Pardesh. He said he had spent only one year in Pakistan but didn't exactly remember as to how he had reached there.
His handicapped nephew Satish who along with couple of his friends has arrived at Amritsar to receive his uncle said that his father Shiv Kumar, brother of Ram Kumar, used to tell him about his uncle and inspired him to trace him after his disappearance. "We found him in almost all the cities of UP including Lucknow, Farookabadh, Kanpur etc. but all in vain" said he.
When a week before family of Ram Kumar received a letter from police department they were surprised to know that Ram Kumar alive and was in Amritsar. But they were not ready to believe that he was sentenced in Pakistan.
"My father told me that Ram Kumar was in company of some Sadhu's and used to take Charas and had disappeared in those days only, I was just two years old then" said Satish.
"With treatment he is now healthy and remember his past but we had tough time finding his family in India " said Director , Institute of Mental Health, Dr. BL Goyal. He said when Ram Kumar gained some memory he gave hints of his address following which they wrote to Resident Commissioner of Uttar Pardesh in Delhi to trace Ram Kumar's relatives and finally his nephew had arrived to take him back.
But there are still 13 more persons who were repatriated along with Ram Kumar by Pakistan and their relatives are untraceable as yet.


It was like reincarnation of 46-year-old Ram Kumar when someone of his blood relation embraced him and took him to his native village after 21 years of disappearance.
Ram Kumar was one among 19 Indian nationals who were repatriated by Pakistan on August 14, 2007, after completion of their jail terms. Since most of them were mentally-challenged and didn't remember their addresses, they were admitted in Amritsar's Institute of Mental Health for treatment. It was believed that Ram Kumar and others was subjected to physical and mental torture by Pakistan police as well as jail authorities.
I am lucky to be back with my family and want to forget my past" said Ram Kumar before leaving for his village Chodakpura in Hardoi district of Uttar Pardesh. He said he had spent only one year in Pakistan but didn't exactly remember as to how he had reached there.
His handicapped nephew Satish who along with couple of his friends has arrived at Amritsar to receive his uncle said that his father Shiv Kumar, brother of Ram Kumar, used to tell him about his uncle and inspired him to trace him after his disappearance. "We found him in almost all the cities of UP including Lucknow, Farookabadh, Kanpur etc. but all in vain" said he.
When a week before family of Ram Kumar received a letter from police department they were surprised to know that Ram Kumar alive and was in Amritsar. But they were not ready to believe that he was sentenced in Pakistan.
"My father told me that Ram Kumar was in company of some Sadhu's and used to take Charas and had disappeared in those days only, I was just two years old then" said Satish.
"With treatment he is now healthy and remember his past but we had tough time finding his family in India " said Director , Institute of Mental Health, Dr. BL Goyal. He said when Ram Kumar gained some memory he gave hints of his address following which they wrote to Resident Commissioner of Uttar Pardesh in Delhi to trace Ram Kumar's relatives and finally his nephew had arrived to take him back.
But there are still 13 more persons who were repatriated along with Ram Kumar by Pakistan and their relatives are untraceable as yet.


It was like reincarnation of 46-year-old Ram Kumar when someone of his blood relation embraced him and took him to his native village after 21 years of disappearance.
Ram Kumar was one among 19 Indian nationals who were repatriated by Pakistan on August 14, 2007, after completion of their jail terms. Since most of them were mentally-challenged and didn't remember their addresses, they were admitted in Amritsar's Institute of Mental Health for treatment. It was believed that Ram Kumar and others was subjected to physical and mental torture by Pakistan police as well as jail authorities.
I am lucky to be back with my family and want to forget my past" said Ram Kumar before leaving for his village Chodakpura in Hardoi district of Uttar Pardesh. He said he had spent only one year in Pakistan but didn't exactly remember as to how he had reached there.
His handicapped nephew Satish who along with couple of his friends has arrived at Amritsar to receive his uncle said that his father Shiv Kumar, brother of Ram Kumar, used to tell him about his uncle and inspired him to trace him after his disappearance. "We found him in almost all the cities of UP including Lucknow, Farookabadh, Kanpur etc. but all in vain" said he.
When a week before family of Ram Kumar received a letter from police department they were surprised to know that Ram Kumar alive and was in Amritsar. But they were not ready to believe that he was sentenced in Pakistan.
"My father told me that Ram Kumar was in company of some Sadhu's and used to take Charas and had disappeared in those days only, I was just two years old then" said Satish.
"With treatment he is now healthy and remember his past but we had tough time finding his family in India " said Director , Institute of Mental Health, Dr. BL Goyal. He said when Ram Kumar gained some memory he gave hints of his address following which they wrote to Resident Commissioner of Uttar Pardesh in Delhi to trace Ram Kumar's relatives and finally his nephew had arrived to take him back.
But there are still 13 more persons who were repatriated along with Ram Kumar by Pakistan and their relatives are untraceable as yet.

Saturday, May 4, 2013


हरदाई, संवाददाता : जिले में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के स्थान पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का संचालन किया जाएगा। प्रथम चरण में जिले के विकास खंड अहिरोरी को चुना गया है।
सीडीओ ने वियोधन ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के संबंध में लखनऊ में हुई कार्यशाला में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन और ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव राजीव कुमार सिंह की ओर से दी जानकारी में बताया कि जिले में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के स्थान पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का संचालन किया जाएगा। प्रथम चरण में अहिरोरी ब्लाक को चयनित किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाना है। स्वयं सहायता समूहों की आय बढ़ाई जाएगी। किसानों को भी इससे जोड़ा जाएगा। जिले में स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना में मार्च तक 917 समूहों के 9 हजार 412 स्वरोजगारियों और 2 हजार 22 व्यक्तिगत स्वरोजगारियों को 48 करोड़ 20 लाख 23 हजार रुपए का ऋण और 17 करोड़ 2 लाख 14 हजार रुपए का अनुदान दिया गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालन के लिए जल्द ही खंड विकास अधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी।

मल्लावां, अंप्र : सिविल सेवा के घोषित परिणाम में क्षेत्र के गौरव कुमार सिंह नें 190वीं रैंक पाकर क्षेत्र और जिले का नाम रोशन किया, जिससे गांव में खुशी का माहौल है।
ग्राम देवमनपुर थाना मल्लावां निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य शिवराज सिंह के सबसे छोटे पुत्र गौरव कुमार अपने भाइयों में सबसे छोटे हैं। बताते हैं कि शिवराज सिंह के तीन पुत्र व चार पुत्रियां हैं। पुत्रों में सबसे बड़ा डा. आशीष सिंह पत्रकारिता क्षेत्र में, उससे छोटा डा. आलोक सिंह स्टेट बैंक आफ इंडिया में सहायक मैनेजर अलीगढ़ व सबसे छोटे डा. गौरव सिंह आइएएस बने।
डा. गौरव का आइएएस में यह तीसरा प्रयास था। इससे पूर्व वह दो बार साक्षात्कार दे चुके थे। पढ़ने में मेधावी डा. गौरव के आइएएस बनने से पूर्व उनका चयन वर्ष 2011 में राजस्थान पीसीएस में हुआ था। 2012 में उनका चयन पुलिस उपाधीक्षक इंटेलीजेंस ब्यूरो में हुआ था। डा. गौरव की शिक्षा गौसगंज के पीबीआर इंटर कालेज से हुई है। वर्ष 1998 में हाईस्कूल प्रथम श्रेणी, 2000 में इंटर प्रथम, उसके बाद बीटेक कमला नेहरू इंस्टीट्यूट टेक्नालॉजी से प्रथम श्रेणी , आइआइटी दिल्ली से एमटेक प्रथम श्रेणी से व फिर पीएचडी सोलर एनर्जी से वर्ष 2011 में की। बताते हैं कि इन्होंने बिना बैटरी से सोलर से सीधे एसी कन्वर्ट करने का यंत्र बनाया था।
डा. गौरव ने बताया कि वह इंजीनियर थे पर पिता की इच्छा थी कि वह सिविल सेवा की परीक्षा पास कर देश की सेवा करें, तभी उन्होंने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए लगातार मेहनत की और परिणाम सामने है। उन्होंने सफलता का श्रेय पिता के साथ गुरुजनों व परिवार के सदस्यों व मित्रों को दिया। आइएएस बनने पर गांव में खुशी का माहौल है। लोग एक दूसरे को मिष्ठान खिलाकर बधाई दे रहे हैं।
हरदोई। मिड-डे मील के तहत स्कूलों में रसोई गैस सिलेंडर को अब अतिरिक्त धनराशि मुहैया कराई जाएगी। परियोजना निदेशक ने स्कूलों से खर्च का विवरण मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। 
मिड-डे मील योजना के तहत स्कूलों में भोजन पकाने को रसोई गैस की व्यवस्था की गई थी। इसके लिए सब्सिडी के सिलेंडर मुहैया कराए जाते थे, पर 18 सितंबर 12 से सिलेंडर की दरों में वृद्धि कर दी गई। इससे स्कूलों को अतिरिक्त धनराशि व्यय करनी पड़ी। परियोजना ने 18 सितंबर 12 से मार्च 13 तक की अवधि में मिड-डे मील पर प्रयुक्त हुए सिलेंडरों की संख्या और उस पर व्यय की अतिरिक्त धनराशि की व्यय की सूचना परियोजना से तलब की गई है। परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने बीएसए को जारी आदेश में कहा कि एक सप्ताह के अंदर सूचनाएं मुहैया कराई जाएं, ताकि अतिरिक्त व्यय की गई धनराशि का आवंटन किया जा सके। बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को सूचनाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं